ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आंखों में भर लो पानी
जो शहीद हुए हें उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
थी खून से लथ-पथ काया
फ़िर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फ़िर गिर गये होश गवाके
जब अंत समय आया तो
कह गये के अब मरते हें
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हें
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जावानी
जो शहीद हुए हें उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी
* ലതാ മന്ഗേഷ്കര്് പാടിയ വരികള്
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